Women India: Sanju Sharan की कलम से पढ़िये वो खामोश ख्वाहिशें एक आम भारतीय महिला की जिसकी हर ख्वाहिश पर दम निकले..
आज महिला दिवस के अवसर पर कुछ दिल की ख्वाहिश को आप सब से साझा करने जा रही हूँ… ये ख्वाहिश भारतीय महिला की ख्वाहिश है.
#वो दिन क्या आएगा जब कोई लड़की स्वयं ससुराल ना जाकर ख़ुद के घर वर को लाये #
वो दिन कब आएगा जब पति कहे -देवी, तुम आराम करो आज झाड़ू पोछा हम मार लेंगे
वो दिन कब आएगा जब पति सज संवर कर ऑफिस से आई हुई पत्नी का दरवाज़े पर इंतजार करे…
वो दिन कब आएगा जब पति कहे….. “डार्लिंग तुम सो जाओ आज बेबी के डायपर हम बदल देंगे…
ख़ैर, ख्वाहिशे बहुत सी है जो पूरी होंगी नहीं… और हम भारतीय महिला अपने पति को करने भी नहीं देंगी क्यूंकि बचपन से ही हमें पति ससुराल के लोगो के लिए आदर सम्मान से पेश होने के संस्कार दिए जाते हैं… तभी तो हम पराये घर को अपना घर बना लेते हैं…. और डोली मायके से उठे और अर्थी ससुराल से इसको चरितार्थ कर देते हैं..
महिला दिवस की मशाल पच्छिम से जली,अपने हक के समानता के लिए रोटी के लिए.. जली,पर क्या वो हक हमें मिला है ये एक यक्ष प्रश्न है…
हमें स्वतंत्र और स्वाधीन आदि काल से थे… हमारे देश में नारी को शक्ति समझा जाता है वे ज्ञान, ललित कलायों में माहिर थी.. यज्ञ में पुरुष के साथ बराबरी से सम्मिलित होती थी, वेद की ऋचायों का पाठ करना… गार्गी, मैत्री को कौन भुला सकता है…
महिला दिवस या महिला होने का फायदा भी उठना आज की महिलाएं सीख गई है… एक ओर प्रताड़ित महिलाएं की संख्या अधिक है जो आज भी समाज से बहिष्कारित किया जाता है… हेय दृष्टि से देखा जाता है तथा आधुनिक विचारधारा की महिलायों को कभी गलत रूप में देखा जाता है ये गलत है..
महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं खासकर भारतीय महिलायों को ये सोचना चाहिए कि” हम आसमान पर परचम लहराये पर पैर जमीन पर हो…
आज केवल महिलाएं नहीं पुरुष भी महिलाओं के प्रताड़ित हो रहें है और आत्महत्या कर रहें तो हम महिलायों के प्रति भी लोंगो के मन में डर है कहने का तात्पर्य यह है कि हम आगे बढे पर पर दूसरों की कद्र करें… एक ओर सशक्त महिला होने का दम्भ भरते हैं तो दूसरी ओर वही महिलाएं अपनी बहु अपनी सास को प्रताड़ित करते हैं….
तो चलिए हम महिला दिवस मानते और संकल्प लेते हैं कि हम घर को ही सुन्दर नहीं बनाये बल्कि अपने देश की सम्मान के लिए अपनी प्राणों की आहुति दें… राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दें.
ऊपर की बातों को परिहास समझियेगा..सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें !
(संजू शरण)
(इस विश्व के प्रथम मात्र-महिला मंच OnlyyWomen पर धरा की प्रत्येक महिला लेखिका व पाठिका का ससम्मान स्वागत है !!)