Sadhvi Pragya को जिस तरह से भगवा आतंकवादी कह कर जेल में रख कर नौ वर्षों तक प्रताड़ना दी गई, ये उसकी एक छोटी सी झलक है..
“कुत्ती” , “कमीनी” , “वेश्या” , “कुलटा ” बोल इस भगवा में किसकी रखैल है तू?” “अब तक कितनों के बिस्तर पर गई है?” “किसके इशारे पर सब कर रही है ?” “जिंदगी प्यारी है तो जो मैं कहता हूँ कबुल कर ले बाकी जिंदगी आराम से कटेगी”
यह शब्द सुनकर आपकी त्योरियां जरुर चढ़ गई होगी। मेरा भी चढ़ गया था।ऐसे घृणित शब्दों से किसी और को नहीं बल्कि भगवा वस्त्र धारिणी निष्कलंक साध्वी प्रज्ञा सिंह को कलंकित तात्कालीन कांग्रेस सरकार के नेताओं के इशारे पर मुम्बई ATS चीफ हेमंत करकरे के सामने मुम्बई पुलिस व ATS ने कहलवाया था.
बताया साध्वी ने कि जिस हेमंत करकरे को आज आप लोग शहीद मान कर सम्मान दे रहे हैं, वह एक नम्बर का नीच आदमी था. उसे निर्दोष हिंदू साध्वी का श्राप लगा और आज हेमंत करकरे के परिवार में कोई दीपक जलाने वाला भी जीवित नहीं बचा है ।
मैं साध्वी प्रज्ञा जी का एक साक्षात्कार देख रहा था। ऐसे घृणित शब्दों को इशारे में बताया।।बताते हुए उनके नेत्र सजल हो गये. साक्षात्कार देखते हुए क्रोधाग्नि से धधक रहे मेरे आँखो से भी अश्रु की धारा फूट पड़ी।
“साध्वी प्रज्ञा” ने मर्माहत शब्दों में वृत्तान्त सुनाया कि मेरे शरीर का कोई ऐसा अंग नही जिसे चोटिल ना किया गया हो।जब पत्रकार ने पूछा कि मारने के कारण ही आपके रीढ़ की हट्टी टूट गई थी ??
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “नहीं, मारने से नहीं,एक जन हमारा हाथ पकड़ते थे एक जन पांव और झूलाकर दीवार की तरफ फेंक देते थे, ऐसा प्राय: रोजाना होता था दीवार से सर टकराकर सुन्न हो जाता था । कमर में भयानक दर्द होता था। ऐसा करते करते एक दिन रीढ़ की हड्डी टूट गई तब अस्पताल में भर्ती कराया गया।”
जेल में उस सरकारी प्रताड़ना को लेकर साध्वी प्रज्ञा ने बताया, “एक दिन तो ऐसा हुआ कि मारते मारते एक पुलिस वाला थक गया तो दूसरा मारने लगा। उस दौरान मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गई फिर भी विधर्मी निर्दयता से मारता रहा.”.
आगे साध्वी प्रज्ञा ने बताया, “रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद मैं बेहोश हो गई थी। जब होश आया तो देखा कि मेरे शरीर से सारा भगवा वस्त्र उतार लिया गया गया था. मुझे एक फ्राक पहनाया गया था।”
साध्वी दीदी ने बताया, “मेरे साथ मेरे एक शिष्य को भी गिरफ्तार किया गया था । उसे मेरे सामने लाकर उसे चौड़ा वाला बेल्ट दिया और कहा मार!! अपने गुरु को इस साली को!!”.”शिष्य, सकुचाने लगा तो मैं बोली मारो मुझे !! शिष्य ने मजबुरी में मारा तो जरुर मुझे लेकिन नरमी से। तब एक पुलिस वाले ने शिष्य से बेल्ट छीन कर शिष्य को बुरी तरह पीटने लगा और बोला ऐसे मारा जाता है.
साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि एक दिन कुछ पुरुष कैदियों के साथ मुझे खड़ी करके अश्लील आडियो सुनाया जा रहा था. मेरे शरीर पर इतनी मार पड़ी थी कि मेरे लिए खड़ी रहना मुश्किल था. मैं बोली कि बैठ जाऊँ वो बोले साली शादी मे आई है क्या कि बैठ जायेगी!!मेरी आँख बंद होने लगी मैं अचेत हो गई।
साध्वी प्रज्ञा ने बताया,”मेरे दोनों हाथों को सामने फैलवाकर एक चौड़े बेल्ट से मारते थे, मेरा दोनो हाथ सूज जाता था। अँगुलियां भी काम नही करती थी, तब गुनगुना पानी लाया जाता था। मैं अपने हाथ उसमें डालती, कुछ आराम होता तब अंगलुियां हिलने डुलने लगती थी, तो फिर से वही क्रिया मेरे पर मार पड़ती थी।
साध्वी प्रज्ञा जी ने बताया कि मुझे तोड़ने के लिए मेरे चरित्र पर लांछन लगाया। क्योंकि लोग जानते हैं कि किसी औरत को तोड़ना है तो उसके चरित्र पर दाग लगाओ ! मेरे जेल जाने के बाद यह सदमा मेरे पिताजी बर्दास्त नहीं कर पाये और इस दुनियां से चल बसे. साध्वी जी राहत की सांस लेते हुए कहती हैं मेरे अन्दर रहते ही, एक दुर्बुद्धि दुराचारी हेमंत करकरे को तो सजा मिल गई अभी बहुत लोग बाकी है।
साध्वी ने बताया, “नौ साल जेल में थी, सिर्फ एक दिन एक महिला ने एक डंडा मारा था,बाकी हर रोज पुरुष ही निर्दयता से हमें पीटते थे.”
पत्रकार ने पूछा,”आपको समझ में तो आ गया होगा कि क्यों आपको इतने बेरहमी से तड़पाया जा रहा था?” साध्वी जी ने कहा, “हां, भगवा के प्रति उनका द्वेश था। फूटी आंख भी भगवा को नही देखना चाहते थे। भगवा को बदनाम करने का इस कांग्रेस की सरकार ने एक सुनियोजित षडयंत्र तैयार किया था.”
साध्वी ने बताया कि एक बार कांग्रेस का गुलाम, स्वामी अग्निवेष मुझसे मिलने जेल में आया और बोला, “आप सब कबुल कर लो कि हां! यह सब RSS के कहने पर हुआ है। इसमें यूपी के सांसद योगी आदित्य नाथ और संघ के इंद्रेश कुमार का नाम ले लो । सरकारी गवाह बन जाओ। चिदम्बरम और दिग्विजय हमारे मित्र हैं। मै आपको छुड़वा दूंगा”
साध्वी जी ने कहा, “अगर आपकी उनसे घनिष्ठता है और सच में हमें छुड़ाना चाहते हो, तो चिदम्बरम से जाकर बोलो की इमानदारी से जांच करवा ले, क्योंकि मैंने ऐसा कुछ किया ही नही है ।”
हिन्दुओं सबसे ख़ास बात ये कि साध्वी पर ये अत्याचार किसी इस्लामिक काल में नही हुआ है। इसके आगे आपको सोचना है कि काँग्रेस सरकार के नेताओं के मन मे हिन्दुओं के लिए कितना प्रेम है।