Roli Pathak की इस प्रस्तुति में जानिये पतियों की थाह लेना कोई मुश्किल काम नहीं है..
बहुत साल पहले पतिदेव के साथ सब्ज़ी लेने जा रही थी …. किनारे गाड़ी खड़ी करते समय हमारा संवाद
मैं : सुनो पिक्चर चलें
पति : ऊँहु मुझे शौक नहीं
मैं : तो नाटक ?
पति : नहीं यार
मैं : अच्छा लंबी ड्राइव ?
पति : नहीं … इतनी हिम्मत नहीं
मैं : तो गोमती किनारे भुट्टा खायें
पति : अरे पागल हो गयी हो …. भुट्टा ही खाना है तो घर में खाओ
मैं : चलो तुम बताओ तुम्हें क्या शौक है …. मैं वहीं चलूँगी l
पति विंड स्क्रीन घूरते हुए कुछ सेकंड शांत रहे
मैं : बोलो न
खतरनाक सन्नाटा तोड़ते हुए पति : अब कोई शौक नहीं तो सूली पर लटकाओगी
अजीब बात है या तो कोई हॉबी बताओ नहीं तो फाँसी चढ़ जाओ …. साला बिना शौक के जिंदा रहना गुनाह हो गया
मैं चुपचाप दरवाजा खोल कर उतर गयी
और तुरंत टैम्पू में बैठ कर घर आ गयी
थोड़ी देर में पतिदेव केले अमरूद कद्दू लौकी बैंगन टिंडे से लदे घर आ गए …
(प्रस्तुति- रोली पाठक)
(इस विश्व के प्रथम मात्र-महिला मंच OnlyyWomen पर धरा की प्रत्येक महिला लेखिका व पाठिका का ससम्मान स्वागत है !!)