तुम, तुम्हारी याद
और मिलने की चाहत
जिन्दगी जीने को बस
काफी है इतना !!
सोचता हूं तुमसे
आ करके मिलूं
मुस्कुराते रहने को बस
काफी है इतना
दोपहर की धूप
और तेरे खयाल
जून में जीने को बस
काफी है इतना
हो जहां मेरी हो तुम
ज़िन्दगी भर
खुद से कहने को बस
काफी है इतना
उम्र के उस पार
तेरा इन्तेजार
तेरे साथ रहने को बस
काफी है इतना
(सुमन पारिजात)