POETRY में पढ़िये उस मन को जो अवश भी है और भावुक भी..
अवश भावुक मन
नीर नयन
पुलक स्पंदन
व्यथा मौन क्षण
अनजाना सिहरता संस्पर्श
एक याद
भटकापन
अलस तन्द्रिल वातायन
इन्द्रधनुषी सम्मोहन
वासंती सपन कुसुम
महकी पवन उन्मन
तुम्हारी छवियों में खोया
अवश भावुक मन ! …
(प्रभा त्रिपाठी)