Osho writes on Sex: वह कह सकती है कि अगर आप माँगें तो वह आपको दे सकती है, लेकिन तब आपको उसका एहसानमंद होना पड़ेगा..
कई औरतों के मन में बहुत ग़लत धारणा होती है कि उनकी ज़रूरत सिर्फ़ सेक्स के लिए है, जैसे कोई वस्तु हो।
और वे उसे बहुत अनिच्छा से देती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वे दे देती हैं तो उनका इस्तेमाल हो गया, और तब वे आपको डॉमिनेट (हावी) नहीं कर पाएंगी। तो वे आपको न देकर ही हावी होना शुरू कर देती हैं। वे आपको भूखा रखती हैं।
फिर आप उनके चारों ओर दुम हिलाते हुए घूमते रहते हैं, और वे इसका मज़ा लेती हैं।
वे सोचती हैं कि यह कुछ ऐसा है जिसे वे रोक सकती हैं, आपको उससे वंचित कर सकती हैं, और तब आप उनके ग़ुलाम बन जाते हैं।
कभी किसी स्त्री पर सेक्स के लिए ज़ोर मत डालना। आपको आश्चर्य होगा कि तब वही आपके चारों ओर दुम हिलाते हुए घूमेगी।
क्योंकि उसे भी उसकी उतनी ही ज़रूरत है जितनी आपको। वह भी उसे उतना ही प्यार करती है जितना आप करते हैं।
असल में आपसे भी ज़्यादा, क्योंकि स्त्री सेक्स का आनंद पुरुष से अधिक ले सकती है।
पुरुष के लिए सेक्स बहुत स्थानीय (लोकल) घटना है।
स्त्री के लिए यह बहुत बड़ी बात है — उससे भी बड़ी।
पुरुष एक बड़ा घेरा है और उसमें सेक्स एक छोटा घेरा है।
स्त्री ठीक विपरीत है: उसके लिए सेक्स एक बड़ा घेरा है और स्त्री उसमें एक छोटा घेरा।
वह इसका आनंद लेती है, लेकिन दिखाना नहीं चाहती। क्योंकि अगर वह दिखा दे कि उसे आनंद आ रहा है तो फिर वह आप पर हावी कैसे होगी?
इसलिए वह अपने को कठोर, सख़्त और अकड़ा हुआ बनाए रखती है, और कोशिश करती है यह साबित करने की कि उसे बिल्कुल भी इच्छा नहीं है।
वह कह सकती है कि अगर आप माँगें तो वह आपको दे सकती है, लेकिन तब आपको उसका एहसानमंद होना पड़ेगा।