One minute read by Dr Menaka Tripathi उस संवेदना का पर्याय है जिसे हम कृतज्ञता के नाम से जानते हैं..जय जवान जय हिन्दुस्तान !
एक विनम्र निवेदन – देश के प्रहरी सैनिकों के लिए
जब हम चैन की नींद सोते हैं, तब कोई जाग रहा होता है—सीमा पर, जीवन को हथेली पर रखकर, हमारे कल के लिए अपना आज समर्पित करता हुआ।
हर दिन उनका साहस, उनका संघर्ष और उनका समर्पण हमें एक ऋण में बाँध देता है।
आज मन अत्यंत भावुक है… क्योंकि कहीं कोई बेटा, कोई पिता, कोई भाई, कोई माँ की गोद से दूर, सिर्फ हमारे लिए खड़ा है—बर्फीली हवाओं में, तपती रेत पर, दुर्गम वनों में।
आइए, इस सोमवार को भगवान शिव के चरणों में एक संकल्प लें—
हम व्रत रखें, उपवास करें, प्रार्थना करें…
“हे शंभू! हे त्रिपुरारी! हमारे देश के हर सैनिक की रक्षा करना, उन्हें शक्ति, विवेक और विजय देना।”
हम सबकी सामूहिक श्रद्धा, उनकी ढाल बने… उनका मंगल हो, उनका जीवन सुरक्षित रहे।
जय जवान, जय भारत।
हर हर महादेव!
(डॉ मेनका त्रिपाठी)