Lucky Rajeev की कलम जो खरा-खरा लिखती है उसे आप किसी कुतर्क से भी काट नहीं पायेंगे, पढ़ सकें तो पढ़िए..
1. बात सही है, वैमनस्य फैला हुआ है, राजनीति ही ज़िम्मेदार है लेकिन आजकल वाली नहीं,
बँटवारे के समय वाली,
तब कौन कर रहा था ये सब?
2. देश की हालत उस दूध के भगोने जैसी है, जिसमें नींबू 1947 में निचोड़ा गया था,
अब कोई भी पार्टी कितना भी शुद्ध दूध डाल दे,
स्थिति ठीक हो सकती है?
3. एक हमले या कई आतंकवादी हमलों के आधार पर सारे मुस्लिम कोसे जाएं, ये कहीं से भी सही नहीं है,
फिर हममें और दंगाइयों में क्या अंतर रह जाएगा?
4. ठीक इसी तरह हिंदू धर्म को और इसका सम्मान करते लोगों को भी कोसना, मज़ाक उड़ाना और पूजा पाठ को ढकोसला कहना बंद कीजिए।
5. प्रधानमंत्री और उच्च पद पर बैठे लोगों को गरियाने की स्वतंत्रता बस यहीं,इसी देश में मिल रही है,इतना याद रखिए।
6. मैं कौन सी वाली हूँ? तुम राईट वाली हो,
कहा जाता है.. मेरी पहचान ? जो वोट देती है, टैक्स भरती है, विश्वास रखती है कि जिसको जिताया वो सब ठीक भी करेगा।
ये बातें हवा में नहीं हैं, उन्नति के प्रमाण हैं।
7. आप अगर मेडिकल फील्ड से जुड़े हैं,तो उसके विरुद्ध सुन नहीं सकते। पुलिस से जुड़े हैं,तब उसके विरुद्ध नहीं सुन सकते।
अध्यापक हैं,तो किसी अध्यापक के ख़िलाफ़ सुनना आपको पसंद नहीं।
आप यहां के नागरिक भी हैं।
8.सबसे ज़रूरी बात, ये मेरी वॉल है,मेरी पोस्ट है। किसी तरह की बहस या सवाल मुझे नहीं चाहिए। मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं।
9.सवाल आप ख़ुद से करिए,
अफवाह न फैलाइए लेकिन…
लेकिन किसी गलतफहमी में भी मत रहिए।