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Thursday, March 13, 2025

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Love: मैं एक निर्भीक और भावात्मक प्रेयसी हूँ !

Love: मैं एक निर्भीक और भावात्मक प्रेयसी हूँ ! – प्रेम पर ऐसी स्पष्ट दृष्टि प्रायः देखने में नहीं आती..पढ़िए प्रदीप्ति शर्मा के शब्दों के भाव प्रेम पर..
मैं एक निर्भीक और भावात्मक प्रेयसी हूँ, जो सम्पूर्ण हृदय से प्रेम करती है | और मैं इस बात को स्वीकार करने से हिचकिचाती भी नहीं हूँ | मैं स्पष्टता से अपनी प्रगाड़ कामनाएँ और तीक्ष्ण भावनाएँ व्यक्त करती हूँ | मेरे भीतर प्रबल अग्निमय ऊर्जा है जो मुझे जीवन को प्रतिदिन एक गहरे स्तर पर जीने के लिए प्रोत्साहित करती है |
मेरा प्रेम करने का तरीका – वृहत व्यंजक, आवेशपूर्ण भावनाएँ, और अनवरत प्रयास रिश्ते को बनाए रखने का -निष्ठा से, समर्पण से, समझ से, और धैर्य से | मैं अपने समय को सतही या बनावटी रिश्ते बनाने में व्यर्थ नहीं करती | मेरा उद्देश्य गहरे और चिरस्थायी रिश्ता बनाना है |
इस तरह के मज़बूत रिश्ते में मैं अपनी भेद्यता दिखा पाती हूँ क्यूँकि मेरा मानना है कि एक सत्यनिष्ठ प्रेमी आपका दर्पण होता है | वो आपको अपना स्वरूप और इसके भिन्न आयाम प्रकट करने देता है, बड़ी ही सहजता से | मैं ना तो ज़्यादा आलोचना करती हूँ और ना ही बेवजह की प्रशंसा | रिश्ते में जो सत्य है उसे स्पष्ट बोलती हूँ |
इसलिए मैं स्वीकृति और व्यूतक्रमण देखती हूँ रिशते में, वो भी जो स्वैच्छा से हो | किसीको बाँध कर रखना या नियंत्रित करना प्रेम नहीं | प्रेम में एक सामंजस्य होता है, वैक्तिकता का और मैत्री का | औरये सामंजस्य अपने आप बन जाता है, जब रिश्ता सच्चा और गहरा हो |
स्पष्टता और असंशय, दोनों ही अनिवार्य हैँ रिश्ते को कायम रखने के लिए |
संवाद-बद्ध हो रिश्ता, विवाद पूर्ण नहीं, तभी प्रेम सही मायने में सार्थक होता है |
(प्रदीप्ति)

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