19.6 C
New York
Thursday, June 12, 2025

Buy now

spot_img

Kamayni Sharma writes: मुस्कान की पति-हत्या का एक एंगल ये भी

Kamayni Sharma की कलम से पढें मुस्कान की पति-हत्या की कहानी में एक ये वाला दृष्टि-कोण भी..
अभी हम पढ़ रहें हैं कि मुस्कान ने अपने पति की हत्या कर उसके टुकड़े कर प्रेमी की सहायता से प्लास्टिक ड्रम में डाल कर उस पर सीमेंट भर दिया, मंथन के दौर चल रहे हैं, इस मानसिक विकृति के कारण खोजे जा रहें हैं।
अभी ही एक रील देखी जिसमें एक महिला कह रही है कि जरूर मुस्कान के साथ कुछ गलत हुआ होगा, कोई पत्नी ऐसा कर ही नहीं सकती।
हम जानते हैं कि हर घटना, दुर्घटना, प्रतिक्रिया के पीछे कुछ न कुछ पूर्व कड़ियां बीज रूप में अवश्य होती हैं, पर फिर भी हम इस बात से कैसे मुँह मोड़ लें कि कुछ तो पहली बार ही होता है, और उससे फिर प्रतिक्रियाएं होती ही चली जाती हैं, जैसे गति का नियम है कि बल लगाकर किसी वस्तु को गतिमान करें वह फिर तब तक गतिमान रहती है जब तक कि उस पर पुनः कोई बाहरी बल उसको रोक न दे।
कहाँ से आता है ये बाहरी बल? क्यों कहा जाता है कि हम बस कठपुतली मात्र हैं, जिसे नचाने वाला कोई और है, हम चाहें गिरते मूल्य, गलत पेरेंटिंग, वैचारिक प्रदूषण आदि सबको कितना भी कोस लें लेकिन सत्यता यही है कि युगान्तर होते रहे हैं और जीवन मूल्य गिरते जा रहे हैं।
रामायण में महाबली विद्वान किन्तु चरित्रहीन दुश्मन दूर देश में था,
महाभारत में परिवार में ही,
लेकिन अब अपने ही अंदर ही बैठा हुआ है, एक नहीं अनेक रूप में, आवश्यकता है इसे पहचाने और तुरंत उसका वध करें, सबसे प्रमुख तो उसमें है ईर्ष्या जहाँ ये प्रकट हुई अपने साथ क्रोध, अनिंद्रा, निंदा, अविवेक, शोक, प्रदर्शन, बदले की भावना, पेट के रोग, दिमागी रोग अवसाद, रक्तचाप, भय पता नहीं क्या क्या ले आती है।
स्वयं को अलग दिखने की चाह में, यदि मेहनत और प्रतिभा न हो तो, समाज के विरुद्ध अनैतिक आचरण होता है, कि हम भी चर्चा में आये, और आसानी से नेम और फेम मिल जायें, पहले इस क्षेत्र में कम लोग थे, अब तो इसमें भी बहुत बड़ी प्रतिस्पर्धा हो गई है कि कौन कितना गन्दा आचरण कर सकता है।
तो इस महिला ने भी मुस्कान का पक्ष कुछ सोच कर ही लिया होगा, रील वायरल हुई तभी तो मेरे सामने आईं, जो घटना बहुत अधिक चिंता का विषय है, वहीं लोगों के लिए यह ऐसा कंटेंट बन गई है कि इस पर हँसी मज़ाक की रील्स बन रहीं हैं।
कुछ वर्षों बाद यह घटना इतिहास बन जाएगी, कुछ क्षेपक भी साथ लग जाएंगे, और लोग अपने मन और सुविधा से कुछ भी सही मानेगे, कोई घटना की वास्तविक स्थिति को सत्य मानेगे, तो कोई क्षेपक को।
जो भी समूह प्रभावशाली होगा वही इस बात पर जोर देगा ये कि झूठा क्षेपक सही या वो वास्तविकता लिये घटना।
जैसे कुछ जुटे हैं होलिका और सुपर्णखा को महिमामंडित करने में।
उनकी दृष्टि में पर पुरषों द्वारा प्रेमनिवेदन अस्वीकार कर देने के बाद उसमें से एक की पत्नी पर हमला बोलना सही है,
इसी तरह निर्दोष बालक (भतीजे) को जिन्दा जलाने का प्रयास करना भी सही है।
वकील मांगे है मुस्कान ने, सोचती हूँ क्या पैरवी करेंगें वो?
फिलहाल एक क्रिया शुरू कर दीं गई है, प्रतिक्रियाये कहाँ तक जायेंगी नहीं पता।
एक क्रिया थी मंथरा द्वारा कान भरना, चाहें बाद में भरत शत्रुघ्न द्वारा प्रताड़ित की गई, पर एक दुष्क्रिया को जन्म तो दे ही दिया गया।
कोई घटना घटती है, चिंता यहीं हो जाती है कि इनकी पुनरावृत्तियां अवश्य ही होगी अब, दूरगामी सोच हर कोई कहाँ रख पाता है, हर कोई शीघ्र लाभ लेने में व्यस्त है।
(कामायनी शर्मा)

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles