Insomnia: रातभर करवटें बदलने से मिल जाएगी मुक्ति: गहरी नींद के लिए अपनाएं ये 5 असरदार आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय, तनाव भी होगा दूर
नींद न आने की समस्या के लिए आपकी सहायता कर सकते हैं आयुर्वेदिक नुस्खे । आयुर्वेद में स्वस्थ और शांतिपूर्ण नींद को दीर्घायु, सुंदरता और संपूर्ण स्वास्थ्य का प्रमुख आधार माना गया है। नींद, भोजन और ब्रह्मचर्य — ये तीन स्तंभ जीवन को संतुलित रखते हैं। इनमें से नींद का सबसे गहरा संबंध मन, शरीर और आत्मा की पुनर्स्थापना से है।
यदि पर्याप्त नींद न मिले तो शरीर में वात दोष बढ़ जाता है, जिससे चिंता, थकान, चिड़चिड़ापन, पाचन गड़बड़ी और ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऐसे में कुछ आसान आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय आपकी रातों को सुकूनभरी बना सकते हैं।
1. जायफल वाला दूध — मन को शांत कर दे
सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में एक चुटकी जायफल मिलाकर पीने से मस्तिष्क शांत होता है और नींद जल्दी आने लगती है। यह नुस्खा पारंपरिक आयुर्वेद में मानसिक शांति और अनिद्रा दोनों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है।
2. ब्राह्मी घृत — मस्तिष्क को ठंडक और सुकून
ब्राह्मी घृत का सेवन बुद्धि, स्मरण शक्ति और मानसिक स्थिरता बढ़ाने में सहायक है। हर रात सोने से पहले एक चम्मच ब्राह्मी घृत गुनगुने दूध में मिलाकर पीने से नींद न आने की परेशानी धीरे-धीरे दूर हो जाती है।
3. अश्वगंधा पाउडर — तनाव मिटाए, नींद जगाए
अश्वगंधा प्राकृतिक तनाव-नाशक जड़ी-बूटी है। इसके सेवन से चिंता और घबराहट कम होती है। रात में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर दूध के साथ लेने से नींद गहरी और शांत होती है।
4. पैरों की हल्की मालिश — तन-मन दोनों को शांति
सोने से पहले तिल या नारियल तेल से पैरों की हल्की मालिश करने से न केवल शरीर रिलैक्स होता है, बल्कि मन का तनाव भी कम होता है। यह प्राचीन आयुर्वेदिक तरीका नींद की गुणवत्ता को बहुत बढ़ाता है।
इसके साथ ही, केसर वाला दूध या गर्म पानी से स्नान भी नींद आने से पहले शरीर को शिथिल और शांत बनाता है।
5. योग और प्राणायाम — नींद का स्वाभाविक मंत्र
गहरी और नियमित सांसों का अभ्यास, जैसे अनुलोम-विलोम या योग निद्रा, मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करता है। केवल 5 मिनट का प्राणायाम तनाव घटाने और नींद लाने के लिए काफी है।
इसी तरह, लैवेंडर या चंदन तेल की खुशबू मन को शांत करती है और शरीर को नींद के लिए तैयार करती है।
बोनस टिप: डिजिटल डिटॉक्स है जरूरी
अगर आपको देर रात तक फोन या टीवी देखने की आदत है, तो यह आपकी नींद की सबसे बड़ी दुश्मन है। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी बंद करें। स्क्रीन की रोशनी से निकलने वाली ब्लू लाइट मस्तिष्क को सक्रिय रखती है, जिससे नींद में देरी होती है।
गहरी नींद पाने के लिए दवाइयों से ज्यादा जरूरी है अपने जीवन में संतुलन और आयुर्वेदिक आदतें अपनाना।
थोड़ी-सी दिनचर्या में सुधार, प्राकृतिक उपायों का सहारा और मन की शांति — यही है सुकूनभरी नींद का असली रहस्य।
(अर्चना शैरी)



