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Wednesday, June 11, 2025

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Female Safety: बबिता चौहान कौन हैं जिन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर दिया है विशेष प्रस्ताव

Female Safety: बबिता चौहान ने महिला सुरक्षा को लेकर एक विशेष सलाह दी थी जिस पर आज तक किसी का ध्यान नहीं गया था..

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान इन दिनों अपने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को लेकर सुर्खियों में हैं। आयोग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया गया है, जिस पर हर ओर चर्चा हो रही है।

बबिता चौहान: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष

बबिता चौहान मूल रूप से आगरा की रहने वाली हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं। इससे पहले भी वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं। हाल ही में महिला सुरक्षा को लेकर उनके द्वारा रखा गया प्रस्ताव चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

क्या है उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव?

इस प्रस्ताव के तहत,

  • टेलर की दुकानों पर अब पुरुष दर्जी महिलाओं का नाप नहीं ले सकेंगे।

  • जिम और योग सेंटरों में पुरुष ट्रेनर महिलाओं को ट्रेनिंग नहीं दे पाएंगे।

  • स्कूल बसों में महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की सिफारिश की गई है।

  • महिलाओं के कपड़ों की दुकानों पर भी महिला कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।

यह प्रस्ताव 28 अक्टूबर को हुई बैठक में पारित किया गया और इसे व्यापक समर्थन भी मिल रहा है।

बबिता चौहान ने क्या कहा?

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ने कहा,
“जिम और महिलाओं के बुटीक में पुरुष प्रशिक्षकों द्वारा ‘बैड टच’ की शिकायतें बढ़ रही हैं। आमतौर पर महिलाओं के कपड़े सिलने के लिए नाप लेने वाले दर्जी पुरुष होते हैं। हमारा कहना है कि पुरुष दर्जी होने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन महिलाओं का नाप सिर्फ महिलाओं को ही लेना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि,
“हमें पता है कि इन क्षेत्रों में प्रशिक्षित महिलाओं को नियुक्त करने में समय लगेगा, लेकिन इससे महिलाओं को ‘बैड टच’ से बचाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।”

क्या यह प्रस्ताव कानून बनेगा?

महिला आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने कहा,
“हमारा मानना है कि कुछ पुरुष दर्जी या ट्रेनर महिलाओं के साथ गलत व्यवहार कर सकते हैं। हालांकि, सभी पुरुष ऐसे नहीं होते, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि महिलाओं का नाप महिलाएं ही लें। अभी यह केवल एक प्रस्ताव है, लेकिन जल्द ही हम राज्य सरकार से इसे कानून बनाने का अनुरोध करेंगे।”

इस प्रस्ताव के आने के बाद इसे लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे महिला सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे भेदभावपूर्ण मान रहे हैं। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है।

(अर्चना शेरी)

(इस विश्व के प्रथम मात्र-महिला मंच OnlyyWomen पर धरा की प्रत्येक महिला लेखिका व पाठिका का ससम्मान स्वागत है !!)

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