Archana Anand writes:पढ़िये इस घटना को जो बताती है मानवता का सौन्दर्य सार्वभौमिक है..
यह तस्वीर कितनी सुन्दर है न! एक सैन्य अधिकारी है जिसने पूरे यातायात को रोक रखा है ताकि एक बिल्ली जो अपने नन्हें से शावक के साथ जा रही है, सरलता से सड़क पार कर सके।
सैनिकों को देखकर हमें लगता है कि कैसे निष्ठुर हैं यह, कठिन से कठिन दायित्वों का निर्वहन करते हुए भी उनके चेहरे पर शिकन नहीं आती। हंसते हंसते प्राणों की बलि दे देते हैं, निश्चित ही बड़े कठोर लोग हैं। लेकिन सैनिकों का यह पक्ष कितना सुन्दर है, कितना मानवीय!
सैनिकों को युद्ध का दायित्व सौंपा गया, ताकि मानव निर्मित सीमाएं सुरक्षित रह सकें। वे जिनसे लोहा लेते हैं, वे शत्रु देश के प्रतिनिधि अवश्य होते हैं लेकिन उनमें आपस में कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं होती। वे यदि युद्धस्थल के बाहर मिलते तो कदाचित मित्र होते। लेकिन प्रेम इस तस्वीर में युद्ध से जीत गया है। आखिर लौहपुरुषों के भी हृदय होते हैं और निश्चित तौर पर इन वीरों के हृदय सोने से बने होते हैं!