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Monday, August 4, 2025

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Poetry by Himanshi Babra: वो तो सवाल पूछ के आगे निकल गया

(POETRY)

दिल ऐसे मुब्तला हुआ तेरे मलाल में
ज़ुल्फ़ें सफ़ेद हो गईं उन्नीस साल में !

ऐसे वो रो रहा था मिरा हाल देख कर
आया हुआ हो जैसे किसी इंतिक़ाल में !

ये बात जानती हूँ मगर मानती नहीं
दिन कट रहे हैं आज भी तेरे ख़याल में !

इक बार मुझ को अपनी निगहबानी सौंप दे
‘उम्रें गुज़ार दूँगी तिरी देख-भाल में !

वो तो सवाल पूछ के आगे निकल गया
अटकी हुई हूँ मैं मगर उस के सवाल में !

~हिमांशी बाबरा

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